मै पिता था, इसने छुडा दी, अपनी कसम देकर,
मेहेफील मै बैठा तो यारो ने पिला दी, इसकी कसम दे कर
दुनियामे मिल जाएंगे आशिक कही,
मेहेफील मै बैठा तो यारो ने पिला दी, इसकी कसम दे कर
दुनियामे मिल जाएंगे आशिक कही,
मगर वतन से खुबसुरत सनम नही होगा,
नोतों मे लिपटकर, सोने मे समेटकर, मरे हे कही,
मगर तिरंगे जैसा खुबसुरत कफन नही होगा.
जो बात दिल मे है, उसे बोलणे कि हिम्मत रखो,
और जो बात किसी के दिल मे है उसे समजणे कि कोशिश करो